शाहजहां और मुमताज़ के प्रणय का गान , ताज
एक और प्रणय कहानी का आगाज़ |
यमुना के किनारे ताज,
लिए खडा है किसी की याद
सदियों से दे रहा पैगाम
प्यार दौलत है जिन्दगी की |
यमुना को नाज़ है ताज पर
या ताज को अपनी यमुना पर ?
सांवली सलोनी यमुना ,
दूध धुला, मोती की आभा लिए ताज ,
चाँदनी रात में दोनों बतियाते तो होंगे,
अपनी प्रेम कहानी पर इठलाते तो होंगे |
ताज महान है
क्योंकि ,यमुना का दर्द कभी
होठो तक नहीं आया
उसके किनारे , उसका जल
बस पखारते ही रहे ,ताज के चरण
एक पतिव्रता स्त्री की तरह ,समर्पित से ,
गुम्बज और कंगूरे हो जाते हें महान
नींव की मजबूती से ,
नींव के पत्थर के बलिदान से
लेकिन ,कहाँ मिलते हैं कद्रदान ?
जो समझ सकें दर्द, उस नींव के पत्थर का ,
यमुना के उस कूल का
जिसने ताज को महान बना रखा है |
प्यार भी दौ़लत तभी बनता है
जब दर्द दिल में रहे और होंठ सिले ,
प्यार मांगता है बलिदान ,प्यार मांगता है समर्पण
यमुना के तट की तरह
तभी ताज बनाता हे महान |
मोहिनी चोरडिया
ताज_ एक अलग अन्दाज़
शाहजहां और मुमताज़ के प्रणय का गान , ताज
एक और प्रणय कहानी का आगाज़ |
यमुना के किनारे ताज,
लिए खडा है किसी की याद
सदियों से दे रहा पैगाम
प्यार दौलत है जिन्दगी की |
यमुना को नाज़ है ताज पर
या ताज को अपनी यमुना पर ?
सांवली सलोनी यमुना ,
दूध धुला, मोती की आभा लिए ताज ,
चाँदनी रात में दोनों बतियाते तो होंगे,
अपनी प्रेम कहानी पर इठलाते तो होंगे |
ताज महान है
क्योंकि ,यमुना का दर्द कभी
होठो तक नहीं आया
उसके किनारे , उसका जल
बस पखारते ही रहे ,ताज के चरण
एक पतिव्रता स्त्री की तरह ,समर्पित से ,
गुम्बज और कंगूरे हो जाते हें महान
नींव की मजबूती से ,
नींव के पत्थर के बलिदान से
लेकिन ,कहाँ मिलते हैं कद्रदान ?
जो समझ सकें दर्द, उस नींव के पत्थर का ,
यमुना के उस कूल का
जिसने ताज को महान बना रखा है |
प्यार भी दौ़लत तभी बनता है
जब दर्द दिल में रहे और होंठ सिले ,
प्यार मांगता है बलिदान ,प्यार मांगता है समर्पण
यमुना के तट की तरह
तभी ताज बनाता हे महान |
मोहिनी चोरडिया
लिए खडा
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