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Wednesday, August 31, 2011

कितना अच्छा लगता है |


कितना अच्छा लगता है ,
फूल का खिलना
बच्चे का हँसना
पक्षियों का चहचहाना
आम का बौराना, 
कितना अच्छा लगता है |

फूलों का रूखसार
गंधों का त्यौहार
भौरों का अभिसार
बचपन का वह प्यार ,
कितना अच्छा लगता है |

लता का वृक्ष से लिपटना
अम्बर का धरती से गले मिलना
फूल का परागित होना
माँ का एक बच्चे को जन्म देना ,
कितना अच्छा लगता है |

पवन का पगलाना
वृक्षों का इठलाना
बयार का बासंती होना
अमराइयों की जुल्फों में भौरों का खो जाना ,
कितना अच्छा लगता है |

मदमाता मधुमास
फूलता पलाश
आँखों में उतरते इन्द्रधनुषी रंग
प्रियतम का संग ,
कितना अच्छा लगता है |


मोहिनी चोरडिया

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