सर्दियों की सुहानी
धूप में बैठकर
प्राणायाम करते लोग
बेडमिन्टन खेलते
पसीना बहाते,
शटल कोक गिरने पर उठाते और
मुस्कुराते लोग
नये साल की
नई सुबह
पर, उगते सूरज की लालिमा
देखते और प्रणाम करते लोग
गाईन की दीवारों
पर बने
रेखाचित्रों को
सराहते लोग
चलते-चलते लगातार बातें करते,
ठहाके लगाते
या एक दूसरे की और
मुस्कान फेंकते लोग
बगीचे की रौनक ही
अलग है
इस रौनक का हिस्सा बनने को
निमंत्रण देते लोग
मन का सुकुन
बढ़ जाता
जब रेत में खेलते
किसी गिरते हुए
बच्चे को
उठा देते हैं लोग ।
मोहिनी चोरडिया
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