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Sunday, January 1, 2012

साया


आज तुम्हारा प्यार 
बना रहा साथ मेरे 
साये की तरह 
चलता रहा साथ 
जहां -जहां में गई |
देता रहा दिलासा 
अकेले उदास मन को 
जैसे तुम देते थे 
मेरे कंधे पर प्यार से थपकी ,
उसी तरहं का दुलार 
आज फिर मैनें महसूस किया ,जब 
सांझ की उतरती 
गहरी उदासी ने 
घेर लिया मन को मेरे |
तुम ही नहीं 
तुम्हारा प्यार भी जानता था 
कि सांझ ,मुझे उदास कर देती है 
इसीलिये ,साये की तरह
चलता रहा साथ-साथ 
जहाँ-जहाँ में गई |

मोहिनी चोरडिया 

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