आज
मैं खुश हूँ
लगातार बारिश के बाद निकली
धूप देखकर
एक मासूम से बच्चे
की फेंकी मुस्कान
देखकर
मेरे घर के छोटे से बगीचे में
एक कली की
पखुड़ियाँ खुली देखकर
बहुत दिनों बाद पिताजी को
बिस्तर से उठ
दो कदम चलते देखकर ।
मेरे जीवन-साथी का
एक खुशनुमा,
सारी खबरें बताता
पत्र पढ़कर
मेरे चेहरे की मुस्कान
डेढ़ इंच हो गई
आँखों की चमक भी
बढ़ गई
छोटी-छोटी खुशियाँ मिलकर
दोगुनी हो गईं
आज मैं खुश हूँ
बहुत खुश हूँ
बहुत समय बाद
सर्दियों की सुहानी
धूप देखकर ।
मोहिनी चोरडिया
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