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Saturday, December 31, 2011

अंजुरि भर प्यार


अंजुरि भर प्यार चाहा था मैंने
तुमने तो इतना दिया, कि
सराबोर कर दिया ।
उबर न सकी फिर
उस प्यार के अबांर से
कभी किसी
और के प्यार ने
मन को न बांधा
बाद उसके,
इतना अभिभूत कर दिया |
कभी धूमिल न हुआ
परवान ही चढ़ता रहा
दूज के चाँद की तरह
मन के किसी कोने को
इतना जीवन्त कर दिया
इतना दिया प्यार कि
सराबोर कर दिया ।

मोहिनी चोरडिया

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