वो पल सबसे अच्छे थे
जो गुज़रे थे तेरी बाहों में ।
खयालों में उन पलों को जी लेती हूँ
उन सांसों की सरगम से
मन को भिगो लेती हूँ
वो पल वापस नहीं लोटेंगे, मुझे पता है
उन स्मृतियों से आँखों को
नम कर लेती हूँ ।
उन पलों ने बुना था
ख्वाबों का सिलसिला
उन पलों ने बुना था
प्यार का फलसफा
उन पलों ने बुना था
गीत एक अनकहा
उन पलों ने दिया था
मीत एक मनचहा|
मृदंग बज उठे थे मन में
बदन में सिहरन, होंठों पे थिरकन
नयनों में प्यार की बदली
छलक उठी थी
उस पल में
तुमने लुटाया था
अपने प्यार का पराग
जिस पल में ।
मोहिनी चोरडिया
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